Chennai 15 August 2014 – Deaths in Africa from Ebola reached 1013 earlier this week, with 1848 cases reported. The World Health Organization, which had declared the outbreak a global health emergency, gave ethical clearance to treat patients with the untested drug ZMapp. With all the activity on the ground in Africa – not to mention the amount of media coverage – it was something of a surprise to find that the specific way Ebola kills has only just been discovered.
There are no vaccines for Ebola, and until recently ZMapp had only been tested in monkeys. Normally, the body responds to infections by producing a substance called interferon, which acts as a fast-track message to white blood cells, telling them to mobilise genes and proteins. Amarasinghe’s team found that the Ebola virus produces a substance called VP24, which blocks the channel through which interferon usually travels, crippling the immune system.
PARIS : Like the Spanish flu, polio, AIDS, and SARS before it, Ebola has erupted from seemingly nowhere to claim lives and sow fear of a catastrophic global outbreak.
While experts say the current epidemic is unlikely to become global, they warn of ever more viral outbreaks in future as increasing numbers of globetrotters are exposed to strange new pathogens that they take home to spread in crowded cities.
समाधान
देसी गोमाता के ताजा गोमूत्र (100 ml) में 5 gm अदरख एवं 10 तुलसी दल और 5 दाना कानी मिर्च पत्थर पर घीस कर मिला दें. फिर छान लें. जिससे उसका रस गोमूत्र में मिल जायेगा. इसे मरीज की स्थिति के अनुसार एक – एक घंटे पर देते रहें. प्रतिदिन इस पंचगव्य को बनायें और मरीज को दें. इससे इबोला वायरस के जीवाणु मर जायेंगे. फिर जीवाणुओं ने शरीर के साथ जो समस्या खड़ी की है उसके लिए पंचगव्य दें. 30 दिनों में स्थिति सुधरनी चाहिए. आगे सलाह के लिए गव्यसिद्ध डॉ. से संपर्क करें.
षडयंत्र
प्रति वर्ष माफिया संचालित कंपनियों द्वारा विश्व में ऐसे वयरस फैलाये जाते हैं. जिनकी दवा पहले से उनके पास तैयार होती है. जब चारो तरफ हाहाकार मचना शुरू हो जाता है तब ये कंपनी उन दवाओं को बाजार में उतरते हैं और हमारी सरकारों को खरीदने की स्थिति बना देते हैं. पिछले वर्ष स्वायन फ्लू फ़ैलाने के बाद यही हुआ. जिसमे जितने लोग मरे वे सभी टेमीफ्लू खा कर ही मरे. इन कंपनियों ने मिडिया को पैसे खिला कर (विज्ञापन के माध्यम से) स्वायन फ्लू का दहसत फैलाया. प्रतिदिन समाचार पत्रों में हैडलाइन बनावाए. फ्रंटलायन की खबरें बनवाए. हाहाकार मचवाई. और टेमीफ्लु बिकवाया. जब तक हमारी सरकार की आखें खुली तब तक उन्हें जितना लूटना था लूट लिया था.
इस वर्ष इबोला वायरस का कहर शुरू हुआ था.